भारत में डायबिटीज का बढ़ता खतरा: ताज़ा आंकड़े, डॉक्टर की सलाह और नियंत्रण के 5 ज़रूरी कदम

भारत में डायबिटीज का बढ़ता खतरा: ताज़ा आंकड़े, डॉक्टर की सलाह और नियंत्रण के 5 ज़रूरी कदम

भारत में डायबिटीज अब "साइलेंट एपिडेमिक" बन चुका है। ताज़ा आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) के मुताबिक, 2024 तक देश में 89.8 मिलियन वयस्क डायबिटीज मरीज थे। लेकिन 2025 में यह संख्या बढ़कर 101 मिलियन तक पहुँच चुकी है (टाइम्स ऑफ इंडिया रिपोर्ट)।
👉 इसका मतलब है कि भारत ने 2030 के अनुमान को पाँच साल पहले ही पार कर लिया है।

डायबिटीज बढ़ने के कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज का तेज़ी से बढ़ना आधुनिक जीवनशैली से जुड़ा है।

  • अस्वस्थ खान-पान और फास्ट फूड

  • तनाव और शारीरिक निष्क्रियता

  • मोटापा और नींद की गड़बड़ी

  • वायु प्रदूषण (PM2.5 इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है)

  • जागरूकता और समय पर जांच की कमी

डॉक्टरों की सलाह: डायबिटीज नियंत्रण के 5 कदम

1️⃣ तुरंत जांच और डॉक्टर से परामर्श

  • HbA1c, फास्टिंग और पोस्ट-प्रांडियल शुगर टेस्ट

  • ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट
    👉 सही डायग्नोसिस से ही सही ट्रीटमेंट शुरू होता है।

2️⃣ जीवनशैली और आहार में बदलाव

  • मीठा, मैदा और जंक फूड कम करें

  • हरी सब्ज़ियां, साबुत अनाज और फल शामिल करें

  • रोज़ 30 मिनट पैदल चलना या योग अनिवार्य
    👉 डॉक्टर कहते हैं: “डायबिटीज कंट्रोल का पहला कदम है—लाइफ़स्टाइल मैनेजमेंट।”

3️⃣ नियमित शुगर मॉनिटरिंग

  • हर 3–6 महीने में HbA1c टेस्ट

  • घर पर ग्लूकोमीटर से जांच

  • वार्षिक नेत्र जांच और पैरों की देखभाल
    👉 भारत में लगभग 16.9% डायबिटीज मरीज रेटिनोपैथी से प्रभावित हैं।

4️⃣ सह-रोगों पर नियंत्रण

  • हार्ट डिज़ीज, हाई BP और किडनी रोग

  • ब्लड प्रेशर और वजन नियंत्रण
    👉 इससे जटिलताओं का जोखिम घटता है।

5️⃣ सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएँ

  • आयुष्मान भारत योजना: फ्री टेस्टिंग व दवाएँ

  • जनऔषधि केंद्र: सस्ती दवाओं की सुविधा

  • डायबिटीज सपोर्ट ग्रुप और ऑनलाइन काउंसलिंग

विशेषज्ञों की राय

डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज को केवल दवाओं से नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल मैनेजमेंट और समय पर मॉनिटरिंग से नियंत्रित किया जा सकता है।

हेल्थ सपोर्ट: हर्बल विकल्प भी लोकप्रिय

डायबिटीज प्रबंधन में अब लोग प्राकृतिक जूस और हर्बल सप्लीमेंट्स की ओर भी रुख कर रहे हैं।
इन्हीं में से एक है:

Fytika Glycobalance Juice
🌿 जड़ी-बूटियों से तैयार
🩸 ब्लड शुगर लेवल संतुलित करने में सहायक
💪 ऊर्जा और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट
🛡️ हार्ट और लिवर हेल्थ के लिए लाभकारी

👉 नियमित सेवन और डॉक्टर की निगरानी में यह जूस डायबिटीज मैनेजमेंट को आसान बना सकता है।
⚠️ नोट: यह मेडिकल इलाज का विकल्प नहीं है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. भारत में कितने डायबिटीज मरीज हैं?
👉 2025 तक लगभग 101 मिलियन

Q2. HbA1c टेस्ट कितनी बार करना चाहिए?
👉 हर 3–6 महीने में।

Q3. क्या डायबिटीज ठीक हो सकता है?
👉 टाइप 1 का इलाज नहीं है, लेकिन टाइप 2 को नियंत्रित किया जा सकता है

Q4. सबसे बड़ा खतरा क्या है?
👉 हार्ट अटैक, किडनी फेल्योर और अंधापन।

Q5. क्या प्रदूषण डायबिटीज बढ़ाता है?
👉 हाँ, रिसर्च बताती है कि प्रदूषण इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ाता है।

निष्कर्ष

भारत में डायबिटीज का बोझ लगातार बढ़ रहा है—2000 में 32 मिलियन से अब 100 मिलियन से ज़्यादा
डॉक्टर कहते हैं कि यदि समय रहते डाइट, एक्सरसाइज, जांच और जागरूकता पर ध्यान दिया जाए, तो डायबिटीज से होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है।

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