भारत में फैटी लिवर डिजीज़ एक गंभीर लेकिन चुपचाप बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। नामी लिवर विशेषज्ञ डॉ. एस.के. सरीन बताते हैं कि अब यह बीमारी केवल शराब पीने वालों तक सीमित नहीं रही। हर तीन में से एक व्यक्ति फैटी लिवर के खतरे की जद में है। डॉ. सरीन के अनुसार, फैटी लिवर यानी लिवर में अतिरिक्त चर्बी का जमाव — केवल अल्कोहल पीने वालों में ही नहीं, बल्कि शराब न पीने वालों में भी नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिज़ीज़ (NAFLD) के रूप में बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। कई लोग इस बीमारी को लेकर बेहद संवेदनशील हो जाते हैं, लेकिन यह जानना जरूरी है कि कुछ खास समूहों में इसका खतरा ज्यादा होता है। आइए जानें कि कौन से लोग फैटी लिवर की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
फैटी लिवर किन लोगों को सबसे ज़्यादा होता है?
फैटी लिवर डिज़ीज़ का खतरा कुछ खास लोगों में ज़्यादा देखा जाता है, भले ही वे शराब न पीते हों। नीचे दिए गए लोग इस बीमारी की चपेट में जल्दी आ सकते हैं:
1. बैठे-बैठे काम करने वाले (Sedentary Lifestyle)
जैसे- IT प्रोफेशनल, ऑफिस वर्कर, या जो दिनभर कम शारीरिक गतिविधि करते हैं।
2. गलत खानपान वाले लोग
ज्यादा तला-भुना, प्रोसेस्ड फूड, शुगर और हाई फैट डाइट लेने वालों में फैटी लिवर का खतरा ज़्यादा होता है।
3. मोटापा और पेट की चर्बी वाले लोग
जिनका वजन ज़्यादा है या जिनके पेट के आसपास फैट जमा है, उनमें यह बीमारी सामान्य से कई गुना ज़्यादा होती है।
4. डायबिटीज़ और इंसुलिन रेजिस्टेंस वाले
टाइप-2 डायबिटीज़ या प्री-डायबिटिक लोग फैटी लिवर के हाई रिस्क ज़ोन में होते हैं।
5. परिवार में लिवर डिज़ीज़ का इतिहास
अगर परिवार में किसी को लिवर संबंधी बीमारी रही है तो आनुवांशिक कारणों से भी यह खतरा बढ़ जाता है।
6. 40 की उम्र के बाद वाले लोग
उम्र बढ़ने के साथ शरीर में मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, जिससे लिवर पर फैट जमा होने लगता है।
7. हॉर्मोनल गड़बड़ी वाले
थायरॉइड, PCOS या हॉर्मोनल असंतुलन वाले लोगों में भी फैटी लिवर होने की संभावना अधिक होती है।
ये आदतें फैटी लिवर का रिस्क तेजी से बढ़ाती हैं:
अगर आपकी दिनचर्या में नीचे दी गई आदतें शामिल हैं, तो आपको फैटी लिवर डिज़ीज़ का खतरा अधिक हो सकता है:
1. फास्ट फूड और जंक फूड खाना
– ज़्यादा ऑयली, तला-भुना, प्रोसेस्ड और शक्कर से भरे खाने से लिवर में फैट जमा होने लगता है।
2. लंबे समय तक बैठे रहना / एक्सरसाइज न करना
– शारीरिक गतिविधियों की कमी से मेटाबॉलिज्म धीमा होता है और लिवर पर चर्बी जमने लगती है।
3. शराब का सेवन करना
– भले ही हल्का सेवन हो, लेकिन नियमित अल्कोहल लिवर सेल्स को डैमेज करता है और फैटी लिवर को बढ़ाता है।
4. बहुत ज़्यादा मीठा या शुगर वाले ड्रिंक्स लेना
– सॉफ्ट ड्रिंक्स, मिठाइयाँ, और बेक्ड आइटम्स में मौजूद फ्रक्टोज़ लिवर में फैट बढ़ाता है।
5. अनियमित नींद और लेट नाइट खाना
– देर रात खाना और कम सोना लिवर फंक्शन पर बुरा असर डालता है।
6. बार-बार भूखा रहना या क्रैश डाइटिंग करना
– बहुत कम खाना या अचानक वज़न घटाने की कोशिशें लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
7. बिना डॉक्टरी सलाह के दवाइयों का सेवन
– कुछ पेनकिलर या सप्लीमेंट्स लंबे समय तक लेने से लिवर पर लोड बढ़ सकता है।
फैटी लिवर को कैसे ठीक करें? (How to Cure Fatty Liver?)
घरेलू और लाइफस्टाइल ऑप्शन्स
•वजन घटाएं, केवल 5–10 प्रतिशत वजन कम करना भी फर्क डाल सकता है.
•नियमित व्यायाम - हर दिन कम से कम 30–45 मिनट वॉक या एक्सरसाइज.
•संतुलित भोजन - लो फैट, कम चीनी, ज्यादा फाइबर
•शराब से पूर्णत: बचाव
•बढ़िया नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट
फैटी लिवर से बचने के लिए वजन कितना होना चाहिए?
पुरुषों के लिए: (Height in cm) − 100 = अपना ऑब्जेक्टिव वजन (किलोग्राम में)
महिलाओं के लिए: (Height in cm) - 105 = लक्ष्य वजन
उदाहरण:
पुरुषों के लिए (160 cm -100) = 60 kg
महिलाओं के लिए: (160-105) = 55 kg
फैटी लिवर के लिए आयुर्वेदिक उपाय
आंवला, गिलोय, हल्दी, कुटकी जैसे जड़ी-बूटियां लिवर को डिटॉक्स और मजबूत बनाती हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूरी.
मेडिकल चेक-अप:
अगर हाई रिस्क में हैं (जैसे मोटापा, डायबिटीज, हाई BP) तो नियमित लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड लें. अगर लक्षण हैं - जैसे पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में भारीपन/दर्द, थकान, भूख कम लगना, वजन घटना इन सभी पर ध्यान दें और तुरंत जांच करवाएं.