हर सांस में ज़हर, पर इलाज प्रकृति के पास — Sea Buckthorn जैसी Herbs से करें Detox

हर सांस में ज़हर, पर इलाज प्रकृति के पास — Sea Buckthorn जैसी Herbs से करें Detox

उत्तर भारत की सर्दियों की शुरुआत अब सिर्फ ठंड नहीं, बल्कि स्मॉग सीज़न की दस्तक भी होती है।
दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ, पटना और आसपास के शहरों की हवा में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि सुबह उठते ही आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ़ महसूस होती है।

हर साल यह हालात और ख़राब हो रहे हैंलेकिन क्या हम पूरी तरह असहाय हैं?
नहीं।
प्रकृति के पास हर समस्या का समाधान है, बस हमें सही समय पर सही उपाय चुनना होता है।
ऐसे में एक ऐसी जड़ी-बूटी जो आजकल “Anti-Pollution Shield Herb” के रूप में उभर रही है, वह हैसी-बकथॉर्न (Sea Buckthorn) 

Sea Buckthorn क्या है? हिमालय की गोद में पला एक चमत्कारी फल
सी-बकथॉर्न एक छोटा नारंगी रंग का फल है, जो हिमालय के ऊंचे और ठंडे क्षेत्रों में पाया जाता है।
इसे “विटामिन ट्री” कहा जाता है क्योंकि इसमें लगभग 190 से अधिक पोषक तत्व होते हैं।
यह फल विटामिन्स और ओमेगा फैटी एसिड्स का भंडार है:
•    विटामिन C: नींबू से 10 गुना ज्यादा मात्रा में
•    विटामिन E और A: स्किन और इम्यूनिटी के लिए ज़रूरी
•    ओमेगा 3, 6, 7, 9 फैटी एसिड्स: फेफड़ों और त्वचा की सेल्स को रिपेयर करने में सहायक
Sea Buckthorn न सिर्फ शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है, बल्कि यह प्रदूषण के कारण होने वाले नुकसान से भी सुरक्षा देता है। 

 

 प्रदूषण से लड़ने में Sea Buckthorn की भूमिका

1. फेफड़ों की सफाई और सुरक्षा

वायु प्रदूषण में मौजूद सूक्ष्म कण (PM2.5, PM10) फेफड़ों की गहराई तक जाकर सूजन और जलन पैदा करते हैं।
Sea Buckthorn
में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉइड्स, विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स इन हानिकारक तत्वों को निष्क्रिय करते हैं।
यह फेफड़ों की कोशिकाओं को मजबूत बनाता है और lung detox प्रक्रिया को तेज करता है।

नियमित सेवन से सांस लेने में आसानी होती है और chronic bronchitis जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है।


 2. त्वचा की सुरक्षा और ग्लो बनाए रखना

स्मॉग, धूल और जहरीली गैसें स्किन की नमी को खत्म कर देती हैं, जिससे dullness और premature ageing होती है।
Sea Buckthorn
का Omega-7 fatty acid त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है, जिससे त्वचा अंदर से glow करती है।
यह स्किन barrier को repair कर प्रदूषण से होने वाले oxidative damage को कम करता है।

इसलिए आज कई skincare ब्रांड्स अपने “anti-pollution” उत्पादों में Sea Buckthorn oil का इस्तेमाल कर रहे हैं।


️ 3. इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है

प्रदूषण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया आसानी से हमला कर पाते हैं।
Sea Buckthorn
का Vitamin C, Zinc और Flavonoids शरीर की प्राकृतिक immunity को एक्टिव करते हैं।
इससे सर्दी, खांसी और एलर्जी जैसी मौसमी समस्याओं से बचाव होता है।

यह बच्चों, बुज़ुर्गों और प्रदूषण-प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी है।


 4. सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है

वायु प्रदूषण के कारण शरीर में free radicals बढ़ जाते हैं, जिससे chronic inflammation होती है।
Sea Buckthorn
के कैरोटिनॉयड्स, पॉलीफिनॉल्स और विटामिन E इन radicals को neutralize करते हैं।
यह शरीर के अंदर संतुलन बनाए रखता है और थकान, सिरदर्द जैसी समस्याओं को भी कम करता है।


 5. लिवर और शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया को सपोर्ट करता है

हमारा लिवर शरीर का “natural detox organ” है, लेकिन प्रदूषण के टॉक्सिन्स इसका बोझ बढ़ा देते हैं।
Sea Buckthorn
लिवर सेल्स को regenerate करता है और उसकी cleansing क्षमता को बढ़ाता है।
इससे शरीर में जमा गंदगी और रासायनिक तत्व जल्दी बाहर निकल जाते हैं। 

 

Sea Buckthorn के साथ अन्य डिटॉक्स Herbs

अगर आप pollution season में अपने शरीर की natural defense को बढ़ाना चाहते हैं, तो Sea Buckthorn के साथ इन हर्ब्स को भी शामिल करें:

  • 🌿 तुलसी: फेफड़ों की सूजन, खांसी और एलर्जी से राहत देती है।
  • 🌿 गिलोय: शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और रक्त को शुद्ध करती है।
  • 🌿 हल्दी: शक्तिशाली anti-inflammatory गुणों के कारण फेफड़ों को साफ रखती है।
  • 🌿 आंवला: सबसे अच्छा प्राकृतिक Vitamin C स्रोतइम्यूनिटी और स्किन दोनों के लिए फायदेमंद।

इन सभी जड़ी-बूटियों का संयोजन शरीर को pollution से लड़ने की holistic protection देता है। 

Fytika Sea Buckthorn Juice का सेवन कैसे करें

Sea Buckthorn को आप कई तरीकों से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं:

  • सुबह खाली पेट 10–20 ml Sea Buckthorn जूस लें।

Natural Detox Routine – प्रदूषण के मौसम के लिए

दिनभर के छोटे-छोटे कदम शरीर को प्रदूषण के असर से बचा सकते हैं:

  1. सुबह उठते ही गुनगुना पानी और नींबू लें।
  2. Sea Buckthorn या आंवले का जूस पिएं।
  3. हरी सब्ज़ियां, फल और हर्बल चाय शामिल करें।
  4. शाम को स्टीम इनहेलेशन या हल्दी-दूध लें।
  5. रात को पर्याप्त नींद लेंशरीर का प्राकृतिक डिटॉक्स इसी दौरान होता है। 
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