आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह केवल दिल पर दबाव नहीं डालता, बल्कि धीरे-धीरे शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है। भारत में करीब 30% वयस्क किसी न किसी रूप में हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे हैं (स्रोत: ICMR, 2021)। हालांकि, जीवनशैली में कुछ छोटे लेकिन असरदार बदलाव करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
1. नमक कम करें

अगर आप हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं तो नमक का सेवन कम करना बेहद जरूरी है। ज़्यादा सोडियम ब्लड वेसल्स को संकुचित करता है जिससे रक्तचाप बढ़ता है। रोज़ाना 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करना फायदेमंद होता है। प्रोसेस्ड फूड, अचार, नमकीन और पैकेज्ड चीज़ों से दूरी बनाना भी जरूरी है। इसके साथ ही, डाइट में पोटैशियम से भरपूर चीज़ें जैसे केला, पालक और टमाटर शामिल करें, जो सोडियम के प्रभाव को संतुलित करते हैं।
2. वजन कंट्रोल में रखें, बीपी नियंत्रण में रहेगा

अगर आपका वजन ज्यादा है, तो यह दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है। रिसर्च बताती है कि हर एक किलो वजन घटाने से सिस्टोलिक बीपी में औसतन 1 मिमीHg की कमी आती है। नियमित वॉक, हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ और हेल्दी डाइट वजन घटाने में मदद करते हैं। फास्ट फूड और मीठे पेय पदार्थों से दूरी बनाना भी जरूरी है।
3. तनाव घटाएं

लगातार तनाव में रहने से शरीर में कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन बढ़ते हैं जो बीपी बढ़ा सकते हैं। योग, ध्यान और प्राणायाम जैसे आयुर्वेदिक उपाय तनाव को कम करने में असरदार हैं। रोज़ाना 15 मिनट गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज़ या ओम जप से भी फायदा होता है। एक अच्छी नींद — लगभग 7–8 घंटे — दिल को आराम देती है।
4. कैफीन और एल्कोहल का सेवन सीमित करें

चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन रक्तचाप को अस्थायी रूप से बढ़ा सकते हैं। अगर हाई बीपी की समस्या है, तो इनका सेवन सीमित करें। एल्कोहल भी दिल की धड़कनों और बीपी को प्रभावित करता है। सप्ताह में 1-2 बार सीमित मात्रा में लेना ही बेहतर होता है।
5. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों वाला हर्बल जूस और संतुलित आहार अपनाएं
कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स जैसे, सर्पगंधा रक्तचाप को संतुलित करने में मदद करती है, जटामांसी दिल की मांसपेशियों को मज़बूती देती है, और अर्जुन की छाल एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को घटाने में सहायक है। साथ ही वच, शंखपुष्पी और ईख जैसे तत्व हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। हाई ब्लड प्रेशर को नेचुरल तरीके से कंट्रोल करने में ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बने जूस का रोज़ाना सेवन फायदेमंद हो सकता है।
इसके साथ ही, फल, सब्ज़ियां और पोटैशियम से भरपूर आहार लेना भी ज़रूरी है। पोटैशियम शरीर से सोडियम के असर को कम करता है, जिससे बीपी बैलेंस में रहता है। केला, पालक, टमाटर, संतरा जैसे खाद्य पदार्थ अच्छे विकल्प हैं। रोज़ाना कम से कम 5 सर्विंग फल-सब्ज़ियां खाएं, साथ ही साबुत अनाज, दालें और लो-फैट दूध या दही का सेवन करें। तले-भुने और पैक्ड फूड से बचें। जब आयुर्वेद और सही आहार एकसाथ हों, तो दिल को नेचुरल ताकत मिलती है और बीपी बेहतर ढंग से कंट्रोल होता है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी प्रकार का इलाज शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
स्रोत (References)
1. Indian Council of Medical Research (ICMR) – Hypertension Report, 2021
2. World Health Organization – Sodium Intake Guidelines, 2020
3. NIMHANS Mental Health Survey, 2022
4. Ministry of AYUSH – Ayurvedic Herbs for Heart Health
5. Mayo Clinic – High Blood Pressure: Lifestyle and Diet Tips