आज के समय में डायबिटीज (मधुमेह) और हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) दोनों ही बहुत सामान्य बीमारियाँ हो गई हैं। कम उम्र में ही लोग इनसे ग्रस्त हो रहें हैं। लेकिन जब ये दोनों एक साथ हों,तो शरीर पर इनका असर और भी गंभीर हो जाता है। यह जोड़ी धीरे-धीरे कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है,खासकर हृदय,किडनी, आंख और दिमाग को।
इस ब्लॉग में हम सरल हिंदी में जानेंगे कि डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर एक साथ होने पर शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है, और इससे बचने के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
डायबिटीज और हाई बीपी – खतरनाक हो सकता है यह कॉम्बिनेशन

जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज होती है, तो उसका शरीर शुगर को सही से उपयोग नहीं कर पाता, जिससे खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। वहीं हाई बीपी में रक्तवाहिनियों पर दबाव बढ़ जाता है। अगर दोनों स्थितियाँ एक साथ होती हैं, तो ये शरीर के अंदर की नाज़ुक नाड़ियों (ब्लड वेसल्स) को नुकसान पहुंचाती हैं।
ऐसे में शरीर के कई अंगों — जैसे दिल, किडनी, आंखें और दिमाग — पर गंभीर असर पड़ सकता है। अगर समय रहते इन दोनों स्थितियों को कंट्रोल न किया जाए, तो यह जटिल बीमारियों का कारण बन सकती हैं।

1. दिल की बीमारियाँ (Cardiovascular Diseases):
डायबिटीज और हाई बीपी दोनों ही दिल पर असर डालते हैं। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इन दोनों के कारण धमनियाँ संकरी हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है।
2. किडनी को नुकसान (Kidney Damage):
इन दोनों स्थितियों में किडनी की रक्तवाहिनियाँ प्रभावित होती हैं, जिससे धीरे-धीरे किडनी खराब होने लगती है। इसे डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहा जाता है। कई बार स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।
3. आंखों की रोशनी पर असर (Eye Damage):
डायबिटीज से रेटिना को नुकसान हो सकता है और हाई बीपी से आंखों की ब्लड वेसल्स में सूजन आ सकती है। इससे दृष्टि कमजोर हो सकती है या स्थायी अंधापन भी हो सकता है।
4. दिमाग पर असर (Brain Health):
ब्लड प्रेशर और शुगर के लगातार बढ़े रहने से दिमाग की नसों पर प्रभाव पड़ता है। इससे स्मृति कमजोर हो सकती है और डिमेंशिया जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है। यह स्ट्रोक और ब्रेन हैमरेज जैसी स्थितियों का कारण भी बन सकता है।
5. पैरों में समस्याएं (Foot Complications):
डायबिटीज के कारण पैरों की नसें और ब्लड सप्लाई कमजोर हो जाती है। अगर हाई बीपी भी हो, तो हीलिंग और ब्लड फ्लो में और दिक्कत होती है। इससे गैंगरीन का खतरा रहता है। इस स्थिति में मामूली चोट भी गंभीर रूप ले सकती है और अंग कटवाने की नौबत आ सकती है।
6. लीवर पर असर (Liver Health):
डायबिटीज और हाई बीपी दोनों ही लीवर के मेटाबोलिज्म पर असर डालते हैं। इससे फैटी लिवर या नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) होने का खतरा बढ़ जाता है। लीवर में चर्बी जमा होने से सूजन और लीवर की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है।
कैसे रखें खुद का ध्यान?
रेगुलर चेकअप कराएं: शुगर और बीपी की नियमित जांच करवाएं।
डाइट पर ध्यान दें: कम नमक, कम शुगर, फाइबर से भरपूर और हेल्दी फैट वाली डाइट लें।
फिजिकल एक्टिव रहें: रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक या योग करें।
दवाइयों का सही सेवन: डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार दवाएं समय पर लें।
तनाव कम करें: मेडिटेशन, प्राणायाम और अच्छी नींद से तनाव नियंत्रित रखें।
धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
Fytika Juices: प्राकृतिक उपाय डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए
Fytika Glycobalance Juice और Fytika Kolest Care Juice दोनों ही स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। Fytika Glycobalance Juice, जो कि करेला, जामुन, नीम, आंवला, मेथी और गुड़मार से बना है, डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है। वहीं, Fytika Kolest Care Juice, जिसमें अर्जुन छाल, वाच, जटामानसी , शंखपुष्पी, पुदीना, मुलहठी, धनिया और लहसुन शामिल हैं, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में सहायक है। इन दोनों जूस का नियमित सेवन इन समस्याओं को नियंत्रण में रखने में सहायक हो सकता है।
निष्कर्ष
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर एक साथ होना एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, लेकिन सही जीवनशैली, डाइट और नियमित जांच से इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। छोटी-छोटी सावधानियाँ लंबे समय तक बड़ा लाभ दे सकती हैं।
Disclaimer (अस्वीकरण)
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यह किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है। अपनी सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से परामर्श जरूर लें।
References:
1. World Health Organization (WHO) – Diabetes and Hypertension Factsheets
2. American Diabetes Association – Comorbidities and Risk Factors
3. Mayo Clinic – Diabetes & High Blood Pressure Connection
4. National Health Portal, Govt. of India – Lifestyle Diseases
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