मानसून में इन्फ्लूएंजा के कारण और बचाव

मानसून में इन्फ्लूएंजा के कारण और बचाव

मानसून के सुहाना मौसम हमें तेज़ गर्मी से निज़ात दिलाता है, साथ ही बारिश की फुहारें हम सभी के मन को खुशियाँ भी देती हैं। पर मानसून का यह मौसम कई प्रकार की बीमारियां भी साथ लाता है। इन्फ्लूएंजा या जिसे आम भाषा में फ्लू भी कहा जाता है, एक ऐसी बीमारी है जो मानसून के समय अक्सर कई लोगो को प्रभावित करती है। यह बीमारी वायरस के माध्यम से व्यक्तियों में पहुँचती है।
नमी और बदलते मौसम के कारण वायरस तेजी से फैलता है और हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। इन्फ्लूएंजा के लक्षणों में तेज बुखार, गले में खराश, और सिर दर्द शामिल होते हैं। सही जानकारी, सावधानियों और रेगुलर मल्टीविटामिन्स का प्रयोग करने से हम इस मौसमी बीमारी से बच सकते हैं।
आइए जानते हैं, क्या हैं मानसून में इन्फ्लूएंजा होने के कारण और उसके प्रभाव को कम करने के उपाय।

इन्फ्लूएंजा होने के मुख्य कारण

इन्फ्लूएंजा के वायरस विशेष रूप से मानसून के दौरान अधिक सक्रिय होते हैं। मानसून में नमी और ठंड के कारण वायरस को अनुकूल वातावरण मिल जाता है, जिससे ये अधिक तेजी से फैलता है। यह वायरस एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति में बहुत तेज़ी से फैलता है। असल में यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारी है। इसीलिए मानसून के दौरान भीड़-भाड़ वाले स्थान और सार्वजनिक स्थानों पर अधिक समय बिताने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

इन्फ्लूएंजा होने के लक्षण

सबसे से पहले हमें इन्फ्लूएंजा को लक्षणों को पहचानना चाहिए। इन्फ्लूएंजा को कई प्रकार के लक्षणों से पहचाना जा सकता है, जैसे कि तेज बुखार, गले में खराश, सिर दर्द, थकान और कमजोरी, खांसी और छाती में दर्द, नाक बहना या बंद होना,मांसपेशियों में दर्द आदि

इन्फ्लूएंजा से बचने के उपाय

इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए निम्न सावधानियों और उपायों को अपनाने से इन्फ्लूएंजा के खतरे से बच सकते हैं।
1. ऐसे लोगो की पहचान करें जिन्हे फ्लू है और ऐसे लोगो से उचित दूरी बनाएं।
2. खांसते या छींकते समय टिश्यू पेपर का प्रयोग करें और उसे इधर उधर ना फेंके।
3. शरीर को पर्याप्त आराम दें ताकि संक्रमणरोधी इम्युनिटी का विकास हो सके।
4. अधिक पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
5. पौष्टिक भोजन खाएं और विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।
6. गरम पानी, चाय, और सूप का सेवन करें, यह वायरस को कमज़ोर करने में मदद करते हैं।
7. स्वच्छता बनाए रखें और नियमित रूप से हाथ धोएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
8. भीड़-भाड़ से बचें क्यूंकि यह एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है। जितना हो सके सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें और भीड़ में मास्क का प्रयोग करे। 

इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय

अगर आपकी इम्युनिटी मज़बूत रहेगी तो आपको इस वायरस से बचने में बहुत आसानी होगी। यहां इम्युनिटी मज़बूत रखने के कुछ आसान उपाय हैं।

1. फलों और सब्जियों का सेवन: ताजे फल और सब्जियाँ खाएँ जो विटामिन सी से भरपूर हों। जामुन ,चेरी ,आड़ू और अमरुद में प्रचुर विटामिन सी होता है।
2. व्यायाम: नियमित व्यायाम करें जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
3. विटामिन C और D से युक्त मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स: विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और विटामिन डी इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और संक्रमण के खिलाफ शरीर की रक्षा क्षमता को बढ़ाता है। यह इन्फ्लूएंजा के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं।

ऐसे सप्लीमेंट्स का सही तरीके से और नियमित उपयोग करने से इन्फ्लूएंजा के लक्षणों को कम किया जा सकता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

याद रहे हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य सलाहकार से परामर्श करने के बाद ही इन सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए। अगर लक्षण गंभीर हों तो डॉक्टर की सलाह लें। बुजुर्ग, गर्भवती महिलायें और बच्चे बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई दवा न लें।
सावधानी और सही उपचार से आप मानसून में इन्फ्लूएंजा से बच सकते हैं।

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