भारत में आयुर्वेद का इतिहास हजारों साल पुराना है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में कई ऐसी जड़ी-बूटियों का वर्णन मिलता है जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी मानी जाती हैं। ऐसी ही एक खास औषधीय जड़ी-बूटी है — जटामांसी। जटामांसी को संस्कृत में नरवल्ली और अंग्रेजी में स्पाइकनार्ड कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम नार्डोस्टैकिस जटामांसी है और यह हिमालय की पहाड़ियों में पाई जाती है। इसकी जड़ें अत्यधिक सुगंधित होती हैं और यही इसका मुख्य औषधीय हिस्सा होता है।
जटामांसी के प्रमुख फायदे (Benefits of Jatamansi)
1. तनाव और चिंता को कम करने में सहायक
जटामांसी में मौजूद यौगिक जैसे जटामान्सोन और कैलारिन मस्तिष्क की नसों को शांत करते हैं और तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह मानसिक थकावट, चिड़चिड़ापन और घबराहट को कम कर सकती है (NCBI - Nardostachys jatamansi: A review on its phytochemistry and pharmacological profile, 2012).
2. नींद को बेहतर बनाने में लाभकारी

यह मस्तिष्क में GABA (गामा-अमीनोब्यूट्रिक एसिड) की क्रिया को बढ़ाकर नींद को गहरा और निरंतर बनाती है। जटामांसी का सेवन अनिद्रा से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद माना गया है (Journal of Ethnopharmacology, 2004 – Effect of Nardostachys jatamansi on sleep patterns in rats).
3. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक

जटामांसी में हाइपोलीपिडेमिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बनाए रखने में मदद करते हैं (Research Journal of Medicinal Plants, 2010 – Antihyperlipidemic effect of Nardostachys jatamansi in rats).
4. याद्दाश्त और एकाग्रता बढ़ाने में उपयोगी

जटामांसी मस्तिष्क की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर बनाकर ब्रेन डेराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर (BDNF) को बढ़ाती है, जिससे नई न्यूरॉन कोशिकाएं बनती हैं और मेमोरी मजबूत होती है (Phytotherapy Research, 2006 – Cognitive enhancing properties of Nardostachys jatamansi in mice).
5. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

जटामांसी के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा की सफाई करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं। इसके अलावा, यह बालों की जड़ों को मज़बूती देता है और समय से पहले सफेद होने की समस्या में लाभकारी होता है (International Journal of Pharmaceutical Sciences Review and Research, 2015 – Nardostachys jatamansi oil and hair growth promotion).
जटामांसी लेने का सही तरीका
जटामांसी का सेवन कई रूपों में किया जा सकता है:
1. जटामांसी चूर्ण
2. जटामांसी तेल
3. जटामांसी कैप्सूल या टैबलेट
4. जटामांसी का जूस
किन लोगों को सावधानी रखनी चाहिए
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसे बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
- यदि आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं, जैसे नींद या कोलेस्ट्रॉल की, तो इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
- अत्यधिक मात्रा में लेने से नींद अधिक आ सकती है या रक्तचाप कम हो सकता है।
निष्कर्ष

जटामांसी एक उपयोगी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो मानसिक शांति, बेहतर नींद, हृदय स्वास्थ्य और त्वचा-बालों की देखभाल में सहायक हो सकती है। यदि इसे सही मात्रा और तरीके से लिया जाए, तो यह जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकती है।
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