आज कल की जिंदगी बहुत बदल गई है. पहले के समय में लोग सुबह-सुबह कुछ देर धूप में बैठते थे, वॉक करते थे, बालकनी या बाहर खुले में बैठकर चाय पीते थे. लेकिन अब ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत मोबाइल या लैपटॉप के सामने बंद कमरे से होती हैं . पूरा दिन ऑफिस या घर के अंदर बीत जाता है. खासकर मॉर्निंग शिफ्ट वाले लोगों के लिए धूप मिलना तो दूर धूप को देखना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में बॉडी में विटामिन डी की कमी एक आम समस्या बन गई है.
जब भी विटामिन D का नाम लिया जाता है, सबसे पहले हमारे दिमाग में "हड्डियों की मज़बूती" की बात आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह विटामिन सिर्फ हड्डियों तक सीमित नहीं है? यह हमारी मसल्स, इम्यून सिस्टम और दिल की सेहत के लिए भी बेहद जरूरी है। व्यस्त जीवनशैली और धूप में कम निकलने के कारण आज ज़्यादातर लोगों में इसकी कमी देखी जा रही है।
विटामिन डी धूप से बनता है ,हमारा शरीर विटामिन D का अधिकांश हिस्सा सूर्य की किरणों से प्राप्त करता है। जब हमारी त्वचा पर सीधी धूप (विशेष रूप से सुबह 8 से 11 बजे के बीच की धूप) पड़ती है, तो शरीर खुद विटामिन D बनाता है। लेकिन अधिकतर लोग धूप में नहीं निकलते ,सूरज की किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का अधिक इस्तेमाल करते हैं घर और ऑफिस में AC के अंदर रहते हैं इन आदतों की वजह से शरीर को विटामिन D बनाने का मौका ही नहीं मिलता।
विटामिन D की कमी के लक्षण
अगर आपके शरीर में विटामिन D की कमी है, तो ये लक्षण दिखाई पड़ते हैं
1: मांसपेशियों में दर्द या कमजोरी
2: बार-बार बीमार पड़ना
3: हड्डियों में दर्द या फ्रैक्चर की आशंका
4: थकान और मूड स्विंग
5: लगातार थकान
6: बालों का झड़ना
7: अवसाद या उदासी की भावना
8: निद्रा संबंधी परेशानियां
9: दर्द के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि
10: हाथों या पैरों में सुई चुभने जैसी अनुभूति
विटामिन डी शरीर को कैसे मदद करता है?
1: हड्डियाँ
यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियाँ मज़बूत रहती हैं।
2: मसल्स
मांसपेशियों को ताकत देने और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में यह अहम भूमिका निभाता है।
3: इम्यून सिस्टम
विटामिन D शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। इससे इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
4:दिल की सेहत
यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने और दिल की बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है।
5 : तंत्रिका तंत्र
विटामिन डी तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह मस्तिष्क के विकास, कार्य और न्यूरोप्रोटेक्टिव (तंत्रिका सुरक्षा) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
विटामिन डी बढ़ाने के 6 प्राकृतिक तरीके
1: सुबह की धूप कम से कम 15–20 मिनट रोज़ लें
2: खाने में अंडे की जर्दी का इस्तेमाल करें
3: मशरूम (विशेषकर धूप में सुखाए हुए)
4: फोर्टिफाइड दूध और अनाज
5 :फैटी फिश (जैसे सैल्मन, टूना)
क्या आपको विटामिन डी सप्लीमेंट लेना चाहिए? |
यदि प्राकर्तिक उपायों के बाद भी अगर आपकी विटामिन D की जांच में कमी पाई जाती है, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लिमेंट लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।