क्या रात भर सोने के बाद सुबह उठने पर आपको कमज़ोरी या थकान महसूस होती है। क्या, सुबह सुबह उठने के बाद आप बहुत ही ज्यादा एग्जॉस्ट महसूस करते हैं या आपको लगता है कि आपमें कोई एनर्जी बची ही नहीं ?
यदि हाँ, तो ऐसा कभी कभी होना स्वाभाविक है पर अगर आप रोज़ाना ऐसा महसूस करते हैं तो आपको इस समस्या पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है और यदि इस पर ध्यान न दिया जाये तो यह एक गंभीर सिंड्रोम में बदल सकता है। इस समस्या को मॉर्निंग फटीग (morning fatigue) कहा जाता है। इस दशा में थकान आराम करने के बाद भी नहीं जाती है।
आइये जानते है मॉर्निंग फटीग (morning fatigue) होने के क्या मुख्य कारण हो सकते हैं और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
1. गहरी नींद न ले पाना
हमें नींद विभिन्न चरणों में आती है, जिसमें हल्की नींद, गहरी नींद और REM (Rapid Eye Movement) नींद शामिल हैं। गहरी नींद शरीर और मस्तिष्क को तरोताजा करती है। अगर आपकी नींद बार-बार टूटती है या आप पर्याप्त गहरी नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो सुबह उठने पर थकान महसूस हो सकती है।
इसलिए, सोने और उठने का नियमित समय निर्धारित करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। इससे आपका शरीर एक रूटीन में आ जाता है और आपको गहरी नींद आसानी से मिल पाती है।
2. कम पानी पीना
अगर आप नियमित रूप से कम पानी पीते हैं तो नींद के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इस कारण थकान और कमजोरी महसूस होती है।
इसलिए दिन में भी 2 से 3 लीटर पानी पियें। साथ ही सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीने पीने से शरीर में जमे हुए टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं, जिससे आप तरोताजा महसूस करते हैं
3. कम शारीरिक गतिविधि
यदि आप दिनभर ज्यादातर समय बैठे रहते हैं, तो शरीर के बहुत से अंग एक्टिव नहीं हो पाते और शरीर में जड़ता आ जाती है। शारीरिक गतिविधियों की कमी से रक्त संचार धीमा हो जाता है, जिससे थकान महसूस होती है।
इसीलिए, रोजाना हल्की-फुल्की व्यायाम, जैसे योगा, 20-30 मिनट पैदल चलना, या हल्की स्ट्रेचिंग करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और थकान कम होती है। नियमित व्यायाम से एंडोर्फिन्स हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं, जो मानसिक और शारीरिक रूप से तरोताजा महसूस कराते हैं।
4. खानपान और पोषण की कमी
यदि आप रोज़ाना संतुलित आहार नहीं ले पाते हैं तो शरीर को आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स नहीं मिल पाते, जिससे कमजोरी और थकान होती है। विटामिन A, B , B12, D और आयरन की कमी से भी थकान बढ़ सकती है।
इसलिए रोज़ाना संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है। आप अपने आहार में फल, सब्जियाँ, नट्स, और प्रोटीन युक्त आहार को शामिल करें। इसके अलावा, धूप में कुछ समय बिताकर विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है।
आप अपने आहार से विटामिन्स या प्रोटीन की कमी को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो इस कमी को पूरी करने के लिए मल्टीविटामिन और रेगुलर हेल्थ प्रोटीन सप्लीमेंट की मदद ली जा सकती है।
5. अल्कोहल और सिगरेट
अधिक अल्कोहल और सिगरेट का सेवन नींद की गुणवत्ता को खराब करता है। दोनों का सेवन नींद के गहरे चरण में बाधा डालता है, जिससे सुबह थकान महसूस होती है। साथ ही सिगरेट में निकोटीन होता है जो एक स्टिमुलेंट है और नींद में रुकावट डालता है और इसके प्रभाव से सुबह उठने पर ताजगी महसूस नहीं होती।
इसलिए अल्कोहल और सिगरेट के सेवन को बहुत हद तक सीमित करें या पूरी तरह बंद करने का प्रयास करें। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होगा और सुबह उठने पर ताज़गी महसूस होगी।
निष्कर्ष
इस ब्लॉग में हमने मॉर्निंग फटीग (morning fatigue) के कारण और उन्हें कैसे नियंत्रित किया जाये, के बारे में जानकारी दी है। ध्यान दें कि यह जानकारी केवल सामान्य दर्शनीय उद्देश्यों के लिए है, अगर आपकी थकान की समस्या गंभीर है और इन उपायों से सुधार नहीं हो रहा है, तो किसी चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें, हो सकता है कि यह किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो, जिसे चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो।
*यह लेख नव भारत टाइम्स, HealthSite.com, Healthline और अन्य स्रोतों द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों/लेखों से जानकारी प्राप्त कर आधारित है, जो कि मॉर्निंग फटीग (morning fatigue) होने के मुख्य कारण और उसके नियंत्रण से सम्बंधित हैं।